2017 में लालू से नीतीश के नाता तोड़ने के बाद JDU के साथ फिर क्यों आई BJP, PM मोदी ने डिटेल में बताया कारण



साल 2015 के विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़कर मुख्यमंत्री बनने वाले नीतीश कुमार ने 2017 में राजद से गठबंधन क्यों तोड़ा और भारतीय जनता पार्टी ने जदयू को समर्थन क्यों दिया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका कारण बताया है। पीएम मोदी ने शुक्रवार को बिहार के सासाराम में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बताया कि आखिर बीजेपी ने जदयू के साथ 2017 में फिर गठबंधन क्यों किया, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि नीतीश कुमार ने लालू यादव से नाता क्यों तोड़ा। मोदी ने कहा कि बिहार के विकास को यूपीए की सरकार ने दस सालों तक रोक रखा था, नीतीश कुमार को यूपीए की सरकार ने काम नहीं करने दिया।

पीएम मोदी ने सासाराम के चुनावी सभा में कहा कि बिहार के विकास की हर योजना को अटकाने और लटकाने वाले ये वे लोग हैं, जिन्होंने अपने 15 साल के शासन में लगातार बिहार को लूटा, बिहार का मान-मर्दन किया। आपने बहुत विश्वास के साथ इन्हें सत्ता सौंपी थी, लेकिन इन्होंने सत्ता को अपनी तिजोरी भरने का माध्यम बना लिया। जब बिहार के लोगों ने इन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया और नीतीश जी को मौका दिया तो ये बौखला गए। 

उन्होंने आगे कहा कि जो बात मैं आपको बता रहा हूं, इसको जरा बारीकी से समझने की कोशिश कीजिए। जब उनको सत्ता से बेदखल किया गया तो ये लोग बौखला गए, उनके अंदर गुस्सा आया, जहर भर गया। इसके बाद दस साल तक इन लोगों ने दिल्ली में यूपीए की सरकार में रहते हुए बिहार के लोगों पर अपना गुस्सा निकाला। और मुझे याद है, मैं भी गुजरात का मुख्यमंत्री था और नीतीश जी बिहार के मुख्यमंत्री थे। हम भारत सरकार की मीटिंग में जाया करते थे, नीतीश जी बार-बार उनको कहते थे कि आप बिहार के काम में रोड़े न अटकाइए, बिहार का राजनीतिक अखाड़ा दिल्ली को मत बनाइए। मगर दस साल तक यूपीए सरकार में बैठे लोगों ने पराजय के गुस्से में नीतीश को एक काम नहीं करने देते थे। नीतीश जी का दस साल बर्बाद कर दिया। 

उन्होंने आगे कहा कि बाद में अठारह महीने में क्या-क्या हुआ, ये मुझे कहने की जरूरत नहीं है। इन अठारह महीनों में परिवार ने क्या-क्या किया और कैसे-कैसे खेल किए, कौन सी बातें अखबारों छाई रहती थी, कौन सी बातें टीवी वालों को भाती थीं, ये बातें किसी से छिपी नहीं है। जब नीतीश जी इस खेल को भांप गए, समझ गए कि इन लोगों के साथ रहते हुए बिहार का भला तो छोडिए, बिहार और 15 साल पीछे चला जाएगा, तो उन्हें सत्ता छोड़ने का फैसला लेना पड़ा।


उन्होंने कहा कि बिहार के लिए, बिहार के उज्ज्वल भविष्य के लिए हम फिर एक बार नीतीश जी के साथ आए। साथियों 2014 में प्रधानसेवक बनने के बाद मुझे नीतीश जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए सिर्फ तीन-चार साल का ही मौका मिला है। बाकी तो यूपीए के साथ संघर्ष करने में बिहार का टाइम गया है। लेकिन इन तीन-चार सालों में ही हमने बहुत काम किया है। पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में केंद्र में सरकार बनने के बाद जितने समय बिहार को डबलइंजन की ताकत मिली, राज्य के विकास के लिए और ज्यादा तेजी से काम हुआ है। बिहार को प्रधानमंत्री पैकेज मिला था, उस पर काम की रफ्तार भी तेज गति से आगे बढ़ रही है। कोरोना के इस समय में भी गरीबों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एनडीए सरकार ने काम किया। जहां गरीब का राशन राशन की दुकान में ही लूटा जाता था, वहां कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त राशन घर पहुंचाया गया है। 

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