भागलपुर के कहलगांव में शनिवार को एनटीपीसी (NTPC) का थ्री डी ऐश डाइक तटबंध ध्वस्त हो गया. इस घटना ने एनटीपीसी प्रबंधन को कठघरे में खड़ा कर दिया है. एक साल के भीतर तीसरी बार ऐश डाइक का डैम क्षतिग्रस्त हुआ है. तटबंध टूटने से एनटीपीसी प्रबंधन को 7 में से 4 यूनिट से बिजली का उत्पादन को सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से बंद करना पड़ा है.
2340 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना से केवल दो यूनिट से ही बिजली का उत्पादन हो रहा है, जबकि 1420 मेगावाट बिजली उत्पादन ठप्प है. दरअसल, सभी यूनिटों से निकलने वाले राख मिश्रित पानी को ऐश डाइक डैम में स्टोर किया जा रहा था. अचानक तटबंध पर दबाब बनने के कारण वह क्षतिग्रस्त हो गया. इससे बिजली संकट गहराने की भी आशंका है.
शनिवार को एनटीपीसी कहलगांव के थ्री-डी ऐश डाइक के टतबंध के क्षतिग्रस्त होने से प्लांट का राख मिश्रित पानी अगल-बगल के गांव के खेत सहित गंगा में मिल रहा है. इससे किसानों व्यापक नुकसान हुआ है. साथ ही गंगा नदी में राख मिश्रित पानी मिलने से गंगा का जल भी दूषित हो रहा है. गंगा नदी में पाये जाने वाले जलीय जीव-जंतु पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
इस मामले में परियोजना के निदेशक चंदन चक्रवर्ती ने बताया कि डाइक के सिपवे की संरचना में गड़बड़ी के कारण तटबंध टूटा है और सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से चार यूनिटों को बंद किया गया है. परियोजना निदेशक ने मामले के जांच के लिए उच्चस्तरीय कमिटी गठित करने की बात कही है.
किसानों ने मांगा मुआवजा
नवनर्मित ऐश डाइक का तटबंध क्षतिग्रस्त होने के बाद खेतों में फैले पानी से आक्रोशित ग्रामीणों ने महाप्रबंधक समेत कार्यकारी निदेशक से मिलकर फसल क्षति को लेकर मुआवजे की मांग की है. इससे पहले इसी साल 6 अगस्त को भी ऐश डाइक का लैगून-टू का तटबंध टूटा था और उससे भारी क्षति हुई थी. एनटीपीसी का ऐश डाइक का डैम क्षतिग्रस्त हो गया था. हरेक बार ऐश डाइक के डैम क्षतिग्रस्त के बाद जांच के लिए उच्चस्तरीय जांच कमिटी बनी और रिपोर्ट भी दी गयी.
इस मामले में कहलगांव के निवर्तमान विधायक एवं कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने तटबंध क्षतिग्रस्त के जिम्मेवार के खिलाफ केस दर्ज न हो पाने की स्थिति में अपनी ओर से प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की बात कही. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आखिरकार एनटीपीसी प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा आम गरीब और किसान क्यों भुगते.
इनपुट : न्यूज18