सन्यासी से सीएम बने योगी आदित्यनाथ से जुड़ी दस अनजान बातें।

 


योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तर प्रदेश (वर्तमान उत्तराखंड) के पौढी जिले के पंचूर गांव में हुआ था। योगी जी की शुरुआती शिक्षा घर के आसपास के विद्यालयों में ही हुई। बाद में योगी जी ने उत्तराखंड के कोटद्वार के गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी की डिग्री पास की।






MSc एवं गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने के लिए योगी आदित्यनाथ सन 1993 में गोरखपुर पहुंचे। यहां वे गोरखपीठ के महंत अवैद्यनाथ के चहेते बन गए। कुछ दिन के बाद ही महंत अवैद्यनाथ ने योगी जी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।




माना जाता है कि सन 1994 में योगी जी ने भगवा वस्त्र धारण कर लिया। उन्होंने अपना नाम भी बदल लिया। अब वह अजय सिंह बिष्ट के बदले योगी आदित्यनाथ के नाम से जाने जाने लगे।




योगी जी ने अपना पहला चुनाव बीजेपी के बैनर तले 1998 में लड़ा। योगी जी ने सन 2002 में हिंदू युवा वाहिनी नाम का संगठन बनाया। इसके बाद योगी जी की छवि हिंदुत्ववादी बनती चली गई।


2007 में विजयादशमी के दिन योगी जी ने साप्ताहिक अखबार “हिंदवी” के प्रकाशन की शुरुआत की थी। योगी जी खुद ही इस के प्रधान संपादक थे। यह अखबार अपने बेबाक राय के लिए काफी लोकप्रिय हुआ।


आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि साल 2007 में गोरखपुर में हुए दंगे को लेकर योगी आदित्यनाथ की गिरफ्तारी भी हुई।


योगी जी साल 2008 में उस समय बाल बाल बच गए जब आजमगढ़ में उन पर जानलेवा हमला किया गया। उस हमले के खिलाफ देशभर में आवाज उठाई गई। इसी के बाद योगी जी की लोकप्रियता देश स्तर पर बढ़ गई।


योगी जी हर बार चुनाव में जीत के अंतर का अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ते हैं। इसका मतलब है कि वे जनता के और चहेते होते जा रहे हैं


योगी जी के करीबियों का कहना है की जब तक सुबह में योगी जी सवेरे-सवेरे गौ माता को भोजन नहीं करा देते हैं तब तक स्वयं भी अन्न जल ग्रहण नहीं करते हैं।




साल 2017 में जब बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बहुमत मिली तो मुख्यमंत्री के नाम पर बहुत माथापच्ची हुई। राजनीतिक सूत्र बताते हैं की योगी आदित्यनाथ का नाम उस चर्चा में दूर-दूर तक नहीं था, परंतु भाजपा के कुछ बड़े नेताओं ने खुलकर योगी जी के पक्ष में अपना मत रखा। इसके बाद बीजेपी ने योगी जी को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। 



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