बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के ब्राह्मण-दलित एकता भोज में हंगामा हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर पहुंचे कुछ लोगों ने मांझी के बयान के विरोध में हंगामा किया। इसके बाद मांझी समर्थकों ने उन्हें खदेड़कर बाहर कर दिया। आवास परिसर के बाहर भी मांझी समर्थकों के साथ विरोध कर रहे लोगों की झड़प हुई। इसके बाद कुछ लोगों ने मीडिया के सामने बयान दिया कि मांझी समर्थकों ने भोज में बुलाकर अपमान किया है। उन्हें धक्के देकर आवास से बाहर निकाला गया है। इस बीच मांझी की पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बीच-बचाव करने का प्रयास किया। इस पूरे घटनाक्रम के बीच मांझी ने आमंत्रित लोगों के साथ बैठकर चूड़ा-दही-गुड़ और सब्जी खाई।
मांझी के सरकारी आवास पर सोमवार को दोपहर 12:30 बजे ब्राह्मण-दलित एकता भोज का आयोजन किया गया था। पहले केवल पंडितों को ही भोज में शामिल होने का न्योता दिया गया था। शर्त थी कि जो मांस-मदिरा का सेवन ना करते हों और कभी चोरी डकैती ना की हो वह शामिल हो सकते हैं। बाद में थोड़ा परिवर्तन किया गया है। दलितों को भी इसमें जोड़ा गया। इसके बाद भोज से पहले मीनू सामने आ गया था। चूड़ा-दही और तिलकुट के साथ बिना लहसुन-प्याज की सब्जी भोज में परोसी गई।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के सरकारी आवास पर आयोजित भोज के लिए बड़ा पंडाल बनाया गया था। भोज में आने वाले लोगों के लिए चनपटिया का चूड़ा, दही, गुड़ और गया के तिलकुट के साथ दिया गया। इसके अलावा आलू-मटर की सब्जी भी थी, जिसे बिना लहसुन-प्याज के बनाया गया था।
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समाज को जोड़ने के लिए है भोज
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बताया कि ब्राह्मण समाज के नाम पर संगठन चलाने वाले लोग कल तक प्रदर्शन कर यह कह रहे थे, मांझी के यहां भोजन करेंगे। अब जब उन्हें ब्राह्मण-दलित एकता भोज में बुलाया जा रहा है, तो लोगों से न जाने की अपील कर रहे हैं। यह भोज समाज को जोड़ने के लिए है।
फोटो सेशन के दौरान थाली में गिरे लोग
भोज में शामिल होने के लिए काफी संख्या में लोग जुट गए थे, हालांकि इनमें ब्राह्मणों की संख्या अपेक्षाकृत कम थी। भीड़ में बड़ी तादाद पत्रकारों की की थी। भोज शुरू होते ही फोटो सेशन के चक्कर में अव्यवस्था उत्पन्न हो गई। मांझी के साथ दिखने की चाहत में कई लोग तो भोजन की थाली में ही गिर पड़े।
इनपुट: दैनिक जागरण