अब तक गाड़ी चोरी होने पर लोग एफआईआर दर्ज कराते थे, लेकिन अब वाहन की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) चोरी होने या खोने जाने पर वाहन मालिक को एफआईआर दर्ज करानी होगी। एफाआईआर की कॉपी वाहन-4 पोर्टल पर अपलोड़ होने के बाद ही दूसरी नंबर प्लेट जारी हो सकेगी। प्लेट में विशेष सुरक्षा विवरण के चलते यह नई व्यवस्था लागू की गई है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 21 अक्तूबर को राज्यों के प्रमुख सचिवों, परिवहन आयुक्तों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बदलने संबंधी नए नियमों को भेजा हैं। इसमें प्रमुख रूप से वाहनों में लगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के खोने अथवा गिर जाने पर एफआईआर दर्ज कराने का उल्लेख है। ऐसी स्थिति में वाहन मालिक को संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करानी अनिवार्य होगी। एफआईआर की कॉपी सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के वाहन-4 पोर्टल में अपलोड़ करनी होगी। यह काम क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, वाहन डीलर करेंगे।
इसके बाद ही उक्त वाहनों को नई एचएसआरपी जारी की जाएगी। जानकारों का कहना है कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट डायनेमिक है। इसमें जीपीएस आधारित चिप लगी होती है। इसकी मदद से पुलिस कंट्रोल रूम अथवा आरटीओ कभी भी किसी भी वाहन को ट्रैक कर सकते हैं। डुप्लीकेट नंबर प्लेट बनाने से रोकने के लिए इसमें लेजर मार्क व होलोग्राम जैसे सुरक्षा उपाय हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा वाहनों की चोरी में लगाम लगेगी। चोरी होने पर वाहन का पकड़ना आसान होगा। अपराध करने के बाद वाहन को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।
इसके अलावा वाहन की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के टूटने-खराब होने पर नई नंबर प्लेट जारी की जाएगी। लेकिन इसकी जानकारी वाहन-4 सॉफ्टवेयर में अपलोड़ करनी होगी। इसमें प्लेट बदलने का विवरण लिखना होगा। वाहन के आगे व पीछे दोनों नंबर प्लेटों में पृथक 10 अंक का यूनिक नंबर होता है। इसलिए किसी एक प्लेट को अगले से बदला जा सकता है। इसमें दोनों नंबर प्लेट बदलने की जरुरत नहीं पड़ेगी। डीलर, वेंडर, आरटीओ बदली गई प्लेट के टूकड़े-टूकड़े करने के बाद नष्ट कर देंगे। ऐसे नंबर प्लेट का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा, जिससे अधिकारी कभी भी इसकी जांच कर सकेंगे।
नंबर प्लेट के साथ वाहन के विंड स्क्रीन पर ईधन के प्रकार पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, ईलेक्ट्रिकल के अनुसार स्टीकर लगाएंगे। जिससे दूर से वाहन की पहचान हो सके। मालूम हो कि मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों को मंत्रालय के वाहन-4 सॉफ्टवेयर से जोड़ दिया गया है। मंत्रालय ने वाहनों को अस्थायी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगाकर सड़कों पर चलाने पर 10 हजार रुपये जुर्माना व छह माह की सजा का प्रावधान पहले की कर दिया है।