परिवार में 11 लोग, एक ने भी नहीं दिया वोट, सरपंच बनने का ख्वाब टूटा तो मतदान केंद्र पर ही फूटकर रोया संतोष



चुनाव जिसके आगे तमाम कयास कमजोर साबित होते हैं. कौन जीतेगा-कौन हारेगा, कितने वोट मिलेंगे कुछ तय नहीं. परिवार से ही कोई प्रत्याशी हो और परिवार वाले ही उसे वोट ना दें तो समझ सकते हैं कि जनता कितना सोचकर वोट देने के लिए कदम बढ़ाती है. हाल ही में गुजरात में ग्राम पंचायत के चुनाव हुए. आजतक की रिपोर्टर गोपी घांघर के मुताबिक गुजरात के वापी जिले में छरवाला गांव है. छरवाला के संतोष हलपति प्रधान बनने की ख्वाहिश के साथ चुनावी मैदान में उतरे. उन्हें भरोसा था कि परिवार के 11 लोगों के साथ-साथ गांव के अन्य लोग भी उन्हें वोट जरूर देंगे.

लेकिन जब मतगणना हुई तो संतोष को तगड़ा झटका लगा. उन्हें सिर्फ एक वोट मिला, यानी परिवार के 11 लोगों ने भी उन्हें वोट नहीं दिया. यह जानकर संतोषभाई भावुक हो गए. मतगणना केंद्र पर ही फूट-फूटकर रोने लगे. दर्द यह था कि परिवार के लोगों ने ही उनपर भरोसा नहीं जताया, तो गांव के अन्य लोग कैसे भरोसा करेंगे.

$ads={1}

पत्नी ने भी वोट नहीं दिया

संतोष हलपति कहते हैं, ‘यह चुनाव है. इसमें लोगों की मर्जी चलती है. लोगों को जिस प्रत्याशी पर भरोसा होगा, उसी को वे वोट करेंगे.’ मतदान केंद्र में जब संतोष भाई फूट-फूटकर रोने लगे तो उन्हें लोगों ने समझा-बुझाकर शांत कराया, फिर घर भेजा. संतोष भाई को इस बात पर भी हैरानी है कि उन्हें उनकी पत्नी ने भी वोट नहीं दिया.


Post a Comment

Previous Post Next Post